राजेंद्र गोयल (फाइल फोटो)
– फोटो : सोशल मीडिया
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भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गज राजेंद्र गोयल का रविवार को निधन हो गया, वो 77 साल के थे। गोयल पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने रविवार को रोहतक के अपने घर पर आखिरी सांस ली। गोयल की गिनती भारत के घरेलू दिग्गजों में होती थी। उन्होंने हरियाणा की तरफ से अपने 24 साल के करियर में कुल 750 विकेट लिए। वो पंजाब और दिल्ली की तरफ से भी खेले।
उन्होंने रणजी ट्रॉफी में कुल 640 विकेट लिए थे। 2017 में भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए बीसीसीआई (बीसीसीआई) ने सीके नायडु लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा था।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महेंद्र ने कहा कि संन्यास के बाद खेल में उनकी योगदान बहुत बड़ा था। वह सज्जन व्यक्ति थे, जो बहुत अंत तक सक्रिय रहे। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत ने अपने एक जेवर को खो दिया है। मैं उन्हें बहुत याद करूंगा।
कभी कहा था मैं गलत समय पर पैदा हुआ
उनके नाम रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक 640 विकेट लेने का रिकॉर्ड आज भी दर्ज है। घरेलू क्रिकेट में 750 विकेट लेने के बावजूद गोयल को कभी टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं मिला। भारतीय टीम में न चुने जाने के लिए वह अपनी किस्मत को ही कसूरवार ठहराते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि मेरी किस्मत में ही टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं लिखा था, मुझे लगता है कि मैं गलत समय पर पैदा हो गया। मेरे दौर में कई बेहतरीन स्पिनर थे। उस वक्त बिशन सिंह बेदी का सिक्का चलता था और वह टीम के नियमित स्पिनर हुआ करते थे।
सुनील गावस्कर ने अपनी किताब ‘आइडल्स’ में गोयल की विनम्रता को लिए उन्हें ‘द स्माइलिंग हत्यारा’ बताया है। दरअसल, वेस्टइंडीज के खिलाफ 1974-75 सीरीज के दौरान, गोयल को बंगलूरू में एक टेस्ट मैच के लिए चुना गया था।
गावस्कर ने अपनी किताब में लिखा कि गोयल ने टेस्ट मैच के लिए नए जूते, किट खरीदे थे, लेकिन उन्हें अंतिम 11 में जगह नहीं मिली। अगले टेस्ट में बेदी ने वापसी की और गोयल को देश के लिए खेलने का कभी मौका नहीं मिला।
भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गज राजेंद्र गोयल का रविवार को निधन हो गया, वो 77 साल के थे। गोयल पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्होंने रविवार को रोहतक के अपने घर पर आखिरी सांस ली। गोयल की गिनती भारत के घरेलू दिग्गजों में होती थी। उन्होंने हरियाणा की तरफ से अपने 24 साल के करियर में कुल 750 विकेट लिए। वो पंजाब और दिल्ली की तरफ से भी खेले।
उन्होंने रणजी ट्रॉफी में कुल 640 विकेट लिए थे। 2017 में भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए बीसीसीआई (बीसीसीआई) ने सीके नायडु लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा था।
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष रणबीर सिंह महेंद्र ने कहा कि संन्यास के बाद खेल में उनकी योगदान बहुत बड़ा था। वह सज्जन व्यक्ति थे, जो बहुत अंत तक सक्रिय रहे। उनके निधन के बाद क्रिकेट जगत ने अपने एक जेवर को खो दिया है। मैं उन्हें बहुत याद करूंगा।
कभी कहा था मैं गलत समय पर पैदा हुआ
उनके नाम रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक 640 विकेट लेने का रिकॉर्ड आज भी दर्ज है। घरेलू क्रिकेट में 750 विकेट लेने के बावजूद गोयल को कभी टीम इंडिया में खेलने का मौका नहीं मिला। भारतीय टीम में न चुने जाने के लिए वह अपनी किस्मत को ही कसूरवार ठहराते थे। उन्होंने एक बार कहा था कि मेरी किस्मत में ही टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं लिखा था, मुझे लगता है कि मैं गलत समय पर पैदा हो गया। मेरे दौर में कई बेहतरीन स्पिनर थे। उस वक्त बिशन सिंह बेदी का सिक्का चलता था और वह टीम के नियमित स्पिनर हुआ करते थे।
सुनील गावस्कर ने अपनी किताब ‘आइडल्स’ में गोयल की विनम्रता को लिए उन्हें ‘द स्माइलिंग हत्यारा’ बताया है। दरअसल, वेस्टइंडीज के खिलाफ 1974-75 सीरीज के दौरान, गोयल को बंगलूरू में एक टेस्ट मैच के लिए चुना गया था।
गावस्कर ने अपनी किताब में लिखा कि गोयल ने टेस्ट मैच के लिए नए जूते, किट खरीदे थे, लेकिन उन्हें अंतिम 11 में जगह नहीं मिली। अगले टेस्ट में बेदी ने वापसी की और गोयल को देश के लिए खेलने का कभी मौका नहीं मिला।